चंडीगढ़ न्यूज डेस्क: छह साल पहले, चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली के आठ दोस्तों ने उत्तराखंड स्थित प्रसिद्ध धार्मिक स्थल श्री हेमकुंड साहिब की यात्रा शुरू की थी। लेकिन 28 सितंबर 2019 को यह यात्रा एक दर्दनाक हादसे में तब्दील हो गई, जब उनकी टेंपो ट्रैवलर पर अचानक एक विशाल चट्टान गिर गई। इस भयावह दुर्घटना में ड्राइवर समेत सात लोगों की जान चली गई थी, जिनमें पंचकूला, मोहाली और नयागांव के पांच दोस्त भी शामिल थे। इस घटना ने पूरे ट्राईसिटी को गहरे शोक में डाल दिया था।
अब इस हादसे के करीब छह साल बाद, चंडीगढ़ की मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल (MACT) ने मृतकों के परिवारों को न्याय दिलाते हुए 4.20 करोड़ रुपये के मुआवजे का फैसला सुनाया है। हादसे में जान गंवाने वाले सभी पांच दोस्तों के परिवारों ने अलग-अलग याचिकाएं दाखिल की थीं। ट्रिब्यूनल ने सबसे ज्यादा मुआवजा तेजिंदर सिंह के परिजनों को देने का निर्णय लिया, जिनका मासिक वेतन लगभग 2.26 लाख रुपये था। उन्हें 1.20 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।
बाकी पीड़ितों के परिवारों को भी मोटी राशि मुआवजे के तौर पर दी जाएगी। रमेश कुमार के परिजनों को 70.47 लाख, गुरदीप सिंह के परिवार को 66.73 लाख, सुरिंदर कुमार के परिजनों को 88.80 लाख और गुरप्रीत सिंह के परिवार को 73.93 लाख रुपये की राशि देने का आदेश दिया गया है। हादसे के समय इन सभी की उम्र 33 से 45 वर्ष के बीच थी, और वे अपने घरों के मुखिया थे।
इस मामले में मृतकों की तरफ से वकील सुनील दीक्षित ने बताया कि बारिश और भूस्खलन की चेतावनी के बावजूद ड्राइवर ने आगे बढ़ने का फैसला किया, जबकि यात्रियों ने उसे रोकने की कोशिश भी की थी। वाहन लालड़ू निवासी नरिंदर कौर के नाम पर रजिस्टर्ड था और उसका बीमा ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी से कराया गया था। चूंकि बीमा कंपनी का कार्यालय चंडीगढ़ में है, इसलिए सभी केस वहीं दायर किए गए। अदालत ने बीमा कंपनी को मुआवजा अदा करने का आदेश दिया है।